Sunday, March 8, 2009

स्वर्गीय श्री गिरधारीलाल भार्गव

गुलाबी नगर विचार मंच में अन्तिम बार
२२ फरवरी २००९ को पुष्प माला अर्पित करते हुए





स्वर्गीय श्री गिरधारीलाल भार्गव
स्वाभाव से सरल, सादगी पसंद, कर्तव्यनिष्ठ, लोकप्रिय, जनसेवक,गरीबों के हितैषी थे। वे बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे।
उन्होंने रिक्शा, तांगा, ठेला वालों, फल-सब्जी-फूल बेचने वालों, नाइ, धोबी, मोची, मजदूर, किसानों के लिए आजीवन संघर्ष किया।
श्री गिरधारीलाल भार्गव का जन्म नवम्बर १९३७ को जयपुर में हुआ। वे शिक्षक एवं अधिवक्ता रहे व १९५८ में हाई कोर्ट आन्दोलन में सक्रियता से भाग लिया। १९६६ में शराब बंदी आन्दोलन में सक्रियता से भाग लिया। वे सर्व धर्मं एकता मंच, महापुरुष समारोह समिति, मिर्जा ग़ालिब सोसाइटी, मदर्सादार्सुल आदि के संयोजक व संरक्षक रहे।
डाक्टर उजला अरोडा ने २६ जून सन १९८३ को गुलाबी नगर विचार मंच की स्थापना की एवं भार्गव साहब उसके आजीवन संयोजक रहे.

वे जनसंघ, जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी के जयपुर अध्यक्ष रहे। १९७२ में पहली बार जयपुर के हवामहल क्षेत्र से विधायक चुने गए उस समय सभी विरोधियों की जमानत जब्त हुई। १९७९-८० में जयपुर UTI के अध्यक्ष रहे एवं १९८५ में पुनः विधायक चुने गए।

१९८९ में जयपुर के महाराजा एवं कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कर्नल भवानी सिंह को ८० हज़ार से भी अधिक मतों से हरा कर पहली वार जयपुर से सांसद बने। उसके बाद उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा। हर वार कांग्रेस अपना उम्मीदवार बदलती रही और वे लगातार वार लोकसभा चुनाव जीत कर भारत की संसद में पहुंचे।
आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए इस वार भी भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया.

वे सांसद रहते हुए दूरसंचार, रेलवे, एयर पोर्ट, संसदीय अवाश व्यवस्था समिति, हिन्दी भाषा समिति आदि के अध्यक्ष रहे।
श्री गिरधारीलाल भार्गव की मानवता के वारे में क्या कहा जाए? वे जयपुर के प्रत्येक व्यक्ति के ह्रदय में वसे थे। सभी के जनम, मरण, परण में पहुचते थे। यहाँ तक की जयपुर के श्मशान घाटों में पड़ी लावारिश अथवा गरीब लोगों की अस्थियों को स्वयं हरिद्वार ले जा कर गंगा में प्रवाहित किया करते थे।

वे क्रीडा प्रेमी भी थे। फुटवाल, शतरंज आदि प्रतियोगिताएं का आयोजन भी करवाते थे।

राजस्थान पत्रिका के संस्थापक स्वर्गीय कर्पूर चन्द कुलिश द्वारा दिए गए नारे " जिसका कोई पूछे हाल, उसका है गिरधारीलाल" नारे को आजीवन चरितार्थ किया।

आज वो हमारे बीच नहीं रहे। अहमदावाद में संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने गए हुए थे वहीँ हृदयाघात हुआ एवं आज सुबह जयपुर वासियों को बेहाल छोड़ कर अपोलो अस्पताल में ब्रह्मलीन हो गए। आज सयम ONGC के हेलीकाप्टर द्वारा उन्हें जयपुर लाया जा रहा है जहाँ उनके पार्थिव शरीर को भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में जनता के दर्शनार्थ रखा जायेगा.

Source: Dr. Ujala Arora
Death Anniversary: Girdharilal Bhargava


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